पर्यावरण प्रदूषण के कारण और निदान - Essay on Environmental Pollution and Solution in hindi

प्रस्तावना :- 

                 विश्व में व्याप्त गंभीर समस्या का नाम ही पर्यावरण प्रदूषण (Environmental Pollution) है । मानव का जीवन पर्यावरण से जुड़ा हुआ है । जहाँ जीवन - मरण का प्रश्न है , वहाँ इसे रोकने के लिए प्रयत्न करना चाहिए अन्यथा आगे वाले वर्षों में विषाक्त वातावरण में मानव जाति का विनाश निश्चित है । भौतिक सुख - सुविधाओं की लालसा से ही मानव आज प्राकृतिक सम्पदाओं का दोहन कर रहा है । बिना सोचे - विचारे उपयोग में लेने से एक समय ऐसा आयेगा जब इन वस्तुओं का भण्डार नष्ट हो जावेगा । इसी अविवेकपूर्ण दोहन से ही प्रदूषण की समस्या का जन्म होता है । 

Environmental Pollution text image in hindi

प्रदूषण का अर्थ :-

                           वे कारण जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से मानव के स्वास्थ्य और संसाधनों को क्षति पहुँचाते हैं , उन्हें प्रदूषण कहा जाता है ।

प्रदूषण के कारण :-

                           जनसंख्या वृद्धि ही प्रदूषण का मुख्य कारण है । औद्योगीकरण में प्रगति से कारखानों की संख्या में वृद्धि हुई है । इनसे वातावरण सर्वदा धूलयुक्त रहता है । वातावरण में व्याप्त हानिकारक तत्व स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर डालते हैं । चौबीस घंटों में एक भी पल ऐसा नहीं होता है कि हमें शुद्ध वायु साँस लेने के लिए मिल सके । प्रदूषण का मुख्य कारण सरकार की औद्योगीकरण की नीति है । 

प्रदूषण के रूप :-

                           प्रदूषण के मुख्य रूप निम्नांकित  है ।

1. वायु प्रदूषण :-

                           कारखानों की चिमनियों , हलवाइयों की भट्टियों , हर समय एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाने वाले वाहनों , घरों में जलने वाली सिगड़ियों आदि से निकलने वाले धुएँ और अन्य विषाक्त गैसों से वातावरण प्रदूषित होता है । नगरों का वातावरण दमघोंटू हो जाता है । कारखानों से गैस रिसाव का भी डर रहता है । इसका उदाहरण सर्वविदित है कि भोपाल के यूनियन कार्बन के गैस रिसाव से जनहानि के साथ - साथ स्वास्थ्य पर भी विपरीत असर पड़ा है । परमाणु ऊर्जा और परमाणु विस्फोटों से वायुमण्डल रेडियोधर्मिता का प्रसारण हो रहा है , जिससे वायुमण्डल प्रदूषित होने से अनेक रोग फैलते हैं , पशु - पक्षी मरते हैं और वनस्पतियाँ नष्ट हो जाती हैं । 


2. जल प्रदूषण :-

                          जल प्रदूषण के कारण परम्परागत और आधुनिक दोनों ही है । व्यर्थ और वाहित मल , नगरों का गंदा पानी , कारखानों से निकलने वाली गंदगी , नदियों में बहा दी जाती है और इन नदियों के जल को पीने के लिए उपयोग में लिया जाता है । जिससे हैजा , पेचिश , पीलिया आदि रोग हो जाते हैं । “ गंगा अब तेरा जल अमृत ” कहावत विपरीत हो गई है । यह दूषित जल मानव , पशु - पक्षी और कृषि सभी के लिए अनुपयोगी है । 


3. रासायनिक प्रदूषण :-

                                    उर्वरक , कीटनाशक दवा का उपयोग जमीन की उर्वरकता को कम कर देता है । उनसे उत्पन्न खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं । 


4. ध्वनि प्रदूषण :-

                           औद्योगीकरण और मशीनीकरण के परिणामस्वरूप जो ध्वनि उत्पन्न होती है । वह शोरगुल स्नायुमण्डल के संतुलन को बिगाड़ देता है । ज्ञानेन्द्रियाँ तनावग्रस्त होने से नींद में खलल पड़ता है । 


पर्यावरण प्रदूषण रोकने का उपाय :- 

                                                      वैसे तो की समस्या विश्वव्यापी है , किन्तु भारतीय प्रदूषण के अंतर्गत विशेष समस्याएँ हैं । भारत वर्ष में प्रदूषण का दायित्व वैज्ञानिक प्रयोगों पर नहीं , अपितु देश में व्याप्त अशिक्षा , गरीबी और उससे उत्पन्न होने वाली अस्वास्थ्यकर परिस्थितियों और आदतों पर हैं । एक ही घर में मनुष्य और मवेशी एक साथ रहते हैं । एक ही जलाशय में पशुओं को नहलाया जाता है , उसी के जल का उपयोग पेयजल के रूप में किया जाता है ।

        वायु प्रदूषण को रोकने के लिए चिमनियों में इस तरह के फिल्टर लगाने चाहिए कि वे प्रदूषणकारी तत्वों को वायुमण्डल में प्रविष्ट नहीं होने दें । घरों और कारखानों से निकलने वाले गंदे जल को भूमिगत किया जाना चाहिए । रेडियोधर्मी प्रदूषण को रोकने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय , ऊर्जा संघ द्वारा निर्मित नियमों का कड़ाई से पालन करना चाहिए ।

Read More :-  
       पर्यावरण संरक्षण हेतु वन संरक्षण पर विशेष बल देने चाहिए । वृक्ष पर्यावरण का सर्वश्रेष्ठ साधन है , क्योंकि वे अशुद्ध वायु को अवशोषित कर मानव के लिए शुद्ध वायु प्रदान करते हैं , अत : हम सभी का यह दायित्व है कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगायें , ताकि पर्यावरण का संतुलन बनाये रख सकें ।

उपसंहार :-

                      पर्यावरण में प्रदूषण की समस्या मानव और विज्ञान की स्वार्थलिप्सा की देन है । यह मानव को मरण की ओर धकेलने का प्रयास है , प्राणिमात्र के अमंगल का सूचक है । मानव की दीर्घायु और उसके जीवन को सुरक्षित रखने हेतु इस समस्या को नियंत्रित करना परमावश्यक है । अन्यथा मानव के अस्तित्व पर प्रश्न चिन्ह लग सकता है । पर्यावरण की रक्षा और प्रदूषण पर नियंत्रण समाज के निवासियों का सम्मिलित दायित्व है , अत : देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है कि वह यह समस्या के निराकरण में अपना सक्रिय योगदान प्रदान करे ।

दोस्तों उम्मीद है, कि आपको हमारे द्वारा यह लिखा गया लेख (Essay on Environmental Pollution and Solution in hindi) आपको जरूर पसंद आया होगा, और आपके लिए बहुत ही कारगर साबित हुआ होगा, यदि आपको यह लेख पसंद आया, तो प्लीज इसे सोशल मीडिया पर शेयर कीजिए, और यदि आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो कमेंट बॉक्स में कमेंट करना ना भूलें धन्यवाद ! 

Post a Comment

और नया पुराने