कंप्यूटर के कितने प्रकार हैं ?

पहले तो हमें कंप्यूटर के प्रकार के बारे में जानने से पहले कंप्यूटर क्या होता है यह जानना अति आवश्यक है. इसके लिए आप इस लिंक पर क्लिक करके "कंप्यूटर" के बारे में जान सकते हैं. यदि आप कंप्यूटर के बारे में पढ़ लिया है. तो आगे जानते हैं कि कंप्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?


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Types of computers in hindi ! आवश्यकता आविष्कार की जननी होती है। दोस्तों कंप्यूटर की इस युग में समय के साथ कंप्यूटर के क्षमता और आकार में भी बहुत बदलाव आए हैं। इसके अलावा इनमें कई तरह के परिवर्तन देखने को मिला है। अतः आज के इस पोस्ट में आप पढ़ेंगे कंप्यूटर कितने प्रकार (Types of computers in hindi) के होते हैं और कौन-कौन से होते हैं। दोस्तों कंप्यूटर का प्रयोग विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। अतः हम इसे सीधे-सीधे वर्गीकृत नहीं कर सकते।

इसलिए हम इसे तीन आधारों पर वर्गीकृत करते हैं :-

इस प्रकार हमने इसे कार्यप्रणाली के आधार पर, उद्देश्य के आधार पर तथा इसके आकार के आधार पर कंप्यूटरों को विभाजित किया है। जिससे हमें इसको समझने में ज्यादा आसानी होगी।

कार्यप्रणाली के आधार पर कंप्यूटरों के प्रकार (Types of Computers based on Mechanism) :-

  • एनालॉग कंप्यूटर (Analog computer)
  • डिजिटल कंप्यूटर (digital computer)
  • हाइब्रिड कंप्यूटर (hybrid computer)
Types of computer based on mechanism

एनालॉग कंप्यूटर (Analog computer) :-

एनालॉग कंप्यूटर वे कंप्यूटर होते हैं जो भौतिक मात्राओं जैसे दाब, ताप, लंबाई आदि को माप कर उसके परिमाप अंको में व्यक्त करते हैं। यह कंप्यूटर किसी राशि का परिमाप तुलना के आधार पर करते हैं। जैसे कि थर्मामीटर कोई गणना नहीं करता है। बल्कि यह पारे के संबंधित प्रसार की तुलना करके शरीर के तापमान को मापता है। यह कंप्यूटर केवल अनुमानित माप ही देते हैं।

उदाहरण :- एक पेट्रोल पंप में लगा एनालॉग कंप्यूटर, पंप से निकलने वाले पेट्रोल की मात्रा को मापता है। और लीटर में इसे प्रदर्शित करता है। तथा इसके मूल्य की गणना करके स्क्रीन पर दिखाता है। यह कंप्यूटर एनालॉग कंप्यूटर कहलाता है।

डिजिटल कंप्यूटर (digital computer) :-

डिजिटल कंप्यूटर वह कंप्यूटर होता है, जो अंकों की गणना करता है। जब अधिकतर लोग कंप्यूटर के बारे में बात करते हैं। तो डिजिटल कंप्यूटर ही मुख्य होता है। डिजिटल कंप्यूटर वह कंप्यूटर हैं जो व्यापार को चलाते हैं, घर का बजट तैयार करते हैं और भी अन्य सभी कार्य जो कंप्यूटर कर सकता है इससे करते हैं । अतः यह सत्य है कि अधिकतर कंप्यूटर डिजिटल कंप्यूटर की श्रेणी में गिने जाते हैं। डिजिटल कंप्यूटर डाटा और प्रोग्राम को 0 तथा 1 के रूप में परिवर्तित करके उनको इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में लाते हैं।

हाइब्रिड कंप्यूटर (hybrid computer) :-

हाइब्रिड का अर्थ होता है - संकरित अर्थात अनेक गुणधर्म युक्त होना। वे कंप्यूटर जिनमें एनालॉग कंप्यूटर और डिजिटल कंप्यूटर दोनों के गुण हो । ऐसे कंप्यूटर हाइब्रिड कंप्यूटर कहे जाते हैं ।उदाहरण के लिए कंप्यूटर की एनालॉग डिवाइस किसी रोगी के लक्षणों अर्थात तापमान, रक्तचाप आदि के बारे में बताती ह। तथा यह परिमाप बाद में डिजिटल रूप में अंकों के रूप में बदलते हैं ।इस प्रकार रोगी के स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव का तत्काल परीक्षण किया जा सकता है।

उद्देश्य के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computers based on Purpose) :-

  • सामान्य उद्देशीय कंप्यूटर (General purpose computer)
  • विशिष्ट उद्देशीय कंप्यूटर (specific purpose computer)

सामान्य उद्देशीय कंप्यूटर (General purpose computer)

सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर एसे कंप्यूटर होते हैं। जिनमें अनेक प्रकार के कार्य करने की क्षमता होती है। परंतु यह वर्ड प्रोसेसिंग से पत्र, दस्तावेज तैयार करना, दस्तावेजों को प्रिंट करना, डेटाबेस बनाना आदि जैसे सामान्य कार्यों को ही संपन्न कर सकते हैं। सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर में लगे सी.पी.यू. की कीमत भी विशिष्ट उद्देश्य कंप्यूटर में लगे सी.पी.यू. की तुलना में कम होती है।

विशिष्ट उद्देशीय कंप्यूटर (specific purpose computer)

विशिष्ट उद्देश्य कंप्यूटर एसे कंप्यूटर हैं। जिन्हें किसी विशेष कार्य के लिए बनाया जाता है। इसके सी.पी.यू. की कीमत सामान्य उद्देश्य कंप्यूटर की सी.पी.यू. की कीमत से अधिक होती है । इसके कार्य करने की क्षमता भी अधिक होती है। इनमें यदि अनेक सी.पी.यू. की आवश्यकता हो तो इनकी संरचना अनेक सी.पी.यू. वाली करी जा सकती है ।

इन कंप्यूटरों का उपयोग कहां कहां किया जाता है ?

  • अंतरिक्ष विज्ञान में
  • युद्ध में
  • अनुसंधान एवं शोध में
  • यातायात नियंत्रण में
  • कृषि विज्ञान में
  • मौसम विज्ञान में
  • उपग्रह संचालन में
  • चिकित्सा के क्षेत्र में
  • समुद्र विज्ञान में
  • इंजीनियरिंग में
  • स्टूडियो आदि में इन कंप्यूटर का प्रयोग किया जाता है।

इन्हें भी पढ़ें :- कंप्यूटर की पीढ़ियां – Generations of computers in Hindi

आकार के आधार पर कंप्यूटर के प्रकार (Types of Computers based on Size) :-

  • माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer)
    1. डेस्कटॉप कंप्यूटर (Desktop Computer)
    2. लैपटॉप तथा नोटबुक (Notebook & Laptop)
    3. पामटॉप कंप्यूटर (Palmtop Computer)
      • टेबलेट पर्सनल कंप्यूटर (Tablet PC)
      • पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (Personal Digital Assistent)
  • वर्कस्टेशन (Workstation)
  • मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)
  • मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer)
  • सुपर कंप्यूटर (Super Computer)

माइक्रो कंप्यूटर (Micro Computer) :-

माइक्रो कंप्यूटर का आविष्कार माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessor) के द्वारा किया गया। यह कंप्यूटर एक डेस्क पर रखा जा सकता है। इसके आकार छोटे होते हैं। यह छोटे कंप्यूटर माइक्रोकंप्यूटर कहलाते हैं। माइक्रो कंप्यूटर कीमत में सस्ते भी होते हैं। इसलिए यह व्यक्तिगत रूप से उपयोग में लाया जाता है। इसे घर में या बाहर में भी आसानी से उपयोग किया जा सकता है। इन्हें पर्सनल कंप्यूटर या पी.सी. भी कहा जाता है। माइक्रो कंप्यूटर में एक ही सी.पी.यू. लगा होता है। इस समय माइक्रो कंप्यूटर का विकास तेजी से हो रहा है। परिणाम स्वरूप माइक्रो कंप्यूटर एक पुस्तक के आकार या मोबाइल के आकार और यहां तक की घड़ी के आकार में भी उपलब्ध हो जा रहे हैं।

माइक्रोप्रोसेसर तकनीक में बढ़ते हुए विकास के साथ माइक्रो कंप्यूटर छोटा तथा पोर्टेबल हो गया है। यह विभिन्न आकार व स्वरुप के पाए जाते हैं ।

  • डेस्कटॉप कंप्यूटर (Desktop Computer)
  • लैपटॉप कंप्यूटर (Laptop Computer)
  • पामटॉप कंप्यूटर (Palmtop Computer)
    • टेबलेट पर्सनल कंप्यूटर (Tablet Personal Computer)
    • पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट (Personal Digital Assistant)

वर्कस्टेशन (Workstation) :-

वर्कस्टेशन आकार में माइक्रो कंप्यूटर के समान होते हैं। परंतु यह अत्यधिक शक्तिशाली होते हैं ।तथा इनका उपयोग विशेष कार्यों के लिए किया जाता है । इस प्रकार के कंप्यूटर माइक्रो कंप्यूटर के सभी लक्षणों को अपने अंदर समाहित रखते हैं तथा माइक्रोकंप्यूटर के समान ही एक समय में एक ही यूजर के द्वारा संचालित किए जाते हैं। इसकी कार्यक्षमता मिनी कंप्यूटरों के समान होती है। इसका प्रयोग इंजीनियर, वैज्ञानिक तथा अन्य विशेषज्ञ द्वारा किया जाता है। यह माइक्रो कंप्यूटर की अपेक्षा महंगे होते हैं। माइक्रो कंप्यूटर के विकास तथा बदलाव के बाद माइक्रो कंप्यूटर ने इसका स्थान ले लिया है। अब माइक्रोकंप्यूटर उच्च गुणवत्ता के साथ बाजार में उपलब्ध है।

मिनी कंप्यूटर (Mini Computer)

यह कंप्यूटर मध्यम आकार के होते हैं। यह माइक्रो कंप्यूटर की तुलना में अधिक कार्य क्षमता वाले होते हैं। मिनी कंप्यूटर की कीमत माइक्रो कंप्यूटर से अधिक होती है। और यह व्यक्तिगत रूप से नहीं खरीदे जा सकते हैं। इन्हें छोटे और मध्यम स्तर के कंपनियां प्रयोग में लाते हैं। इस कंप्यूटर पर एक समय में एक से अधिक व्यक्ति कार्य कर सकते हैं। इसमें एक से अधिक सी.पी.यू. लगे होते हैं। इसकी मेमोरी और गति माइक्रो कंप्यूटर से अधिक होती है। और मेनफ्रेम कंप्यूटर से कम होती है ।यह मेनफ्रेम कंप्यूटर से सस्ते होते हैं।

मेनफ्रेम कंप्यूटर (Mainframe Computer) :-

यह कंप्यूटर आकार में बहुत बड़े होते हैं। तथा इनकी स्टोरेज क्षमता भी अधिक होती है। इनमें अधिक मात्रा में डाटा पर तीव्रता से प्रोसेस करने की क्षमता होती है। इसलिए इसका उपयोग बड़ी कंपनियां, बैंक, सरकारी विभाग आदि में एक केंद्रीय कंप्यूटर सिस्टम के रूप में प्रयोग करते हैं। यह 24 घंटे कार्य कर सकते हैं। और इन पर सैकड़ों उपयोगकर्ता एक साथ एक ही समय पर कार्य कर सकते हैं। मेनफ्रेम कंप्यूटर को एक नेटवर्क या माइक्रो कंप्यूटर से परस्पर जोड़ा जा सकता है। अधिकतर कंपनियां या संस्थाएं मेनफ्रेम कंप्यूटर का उपयोग करते हैं।

इन्हें भी पढ़ें :

सुपर कंप्यूटर (Super Computer) :-

सुपर कंप्यूटर सभी कंप्यूटरों की तुलना में आकार में बड़े होते हैं तथा इनकी स्टोरेज क्षमता तथा गति भी अधिक होती है। इसमें अनेक सीपीयू समांतर क्रम में कार्य करते हैं। CPU द्वारा डाटा और प्रोग्राम एक स्ट्रीम में एग्जीक्यूट करने की पारंपरिक विचारधारा 'वान न्यू मान सिद्धांत' कहलाती है। लेकिन सुपर कंप्यूटर 'नॉन - वान न्यू मान सिद्धांत' के आधार पर तैयार किया जाता है। सुपर कंप्यूटर में अनेक ए. एल. यू. CPU के एक भाग होते हैं। प्रत्येक ए. एल. यू. एक निश्चित क्रिया के लिए होता है। और सभी ए. एल. यू. एक साथ समांतर प्रक्रिया करते हैं।

सुपर कंप्यूटर का उपयोग वैज्ञानिकों द्वारा शोध करने में, अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष भेजने में, मौसम की भविष्यवाणी करने आदि में इसका प्रयोग किया जाता है। और यह कंप्यूटर इन सभी प्रक्रियाओं को उच्च कोटि की शुद्धता के साथ पूर्ण करता है। इसे केवल सुपर कंप्यूटर के द्वारा ही किया जा सकता है। सुपर कंप्यूटर सबसे महंगे कंप्यूटर होते हैं। इनकी कीमत अरबों रुपए हो सकती है। भारत में C-DAC द्वारा परम (PARAM) नामक कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर का विकास किया गया है। इसका विकसित रूप परम 10000 भी तैयार कर लिया गया है।

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